Panchak in April : हिन्दू ज्योतिष के अनुसार एक महीने में ऐसे 5 दिन आते है जिन्हें बहुत अशुभ माना जाता है। इन दिनों में किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता और न ही किसी नए कार्य का प्रारंभ किया जाता है। इन दिनों को पंचक कहा जाता है।
पंचक क्या होता है?
पांच नक्षत्रों के संयोग को पंचक कहा जाता है। शास्त्रों में इस समय के पांच नक्षत्रों के जोड़ को अशुभ बताया गया है। भारतीय ज्योतिष शास्त्र का विस्तार से अध्ययन करने के लिए ग्रहों को पुनः कुल 27 नक्षत्रों में बांटा गया है। इन 27 नक्षत्रों में अंतिम पांच नक्षत्र – धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्रों को पंचक कहा जाता है।
‘मुहूर्त चिंतामणि’ में कहा गया है की यदि इन नक्षत्रों की मौजूदगी में किसी की मृत्यु हो जाती है जो तो परिवार के अन्य सदस्यों को मृत्यु या मृत्यु तुल्य कष्ट का भय बना रहता है। इसलिए पंचक में दाह संस्कार करते समय बहुत सी बातों का खास ध्यान रखा जाता है।
April Panchak Date : पंचक कब-कब आता है?
एक माह में 30 दिन होते है और नक्षत्र 27 होते है जिसके मुताबिक एक दिन एक नक्षत्र होता है जबकि कई बार नक्षत्र दो दिन और कई बार दो नक्षत्र एक दिन पड़ जाते है। जब अंतिम नक्षत्र धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती आते है तो उसे पंचक कहा जाता है। क्योंकि इन पांचो नक्षत्र को शुभ माना जाता है।
पंचक में क्या नहीं करते है?![विवाह मुहूर्त]()
प्राचीन ज्योतिषियों के अनुसार पंचक को माह का सबसे अशुभ समय बताया गया है इसीलिए इस समय में कोई भी विशेष कार्य नहीं किये जानते हैं। इस समय की अशुभता के कारण ही इस दौरान कोई नया काम और कोई शुभ कार्य नहीं किये जाते। जैसे –
- पंचक के दौरान लकड़ी, तेल, इंधन, छप्पर आदि से जुड़े काम और संग्रह नहीं करना चाहिए।
- इस समय में मकान की ढलाई नहीं करनी चाहिए। – April panchak date 2018
- पलंग, खटिया, कुर्सी और सोफे का काम नहीं करवाना चाहिए।
- इस समय में दक्षिण दिशा में यात्रा करना वर्जित माना जाता है।
- पंचक में नई दुल्हन को लाना और विदा करना वर्जित माना जाता है।
- इस समय में किसी भी तरह का नया काम, जमीन, जायदाद, वाहन आदि की खरीद बेच नहीं करनी चाहिए।
- पंचक के दौरान घर में कोई विशेष पूजा पाठ और शुभ कार्य नहीं करने चाहिए।
अप्रैल महीने में पंचक कब से कब तक है?
अप्रैल 2018 में पंचक काल का आरंभ = 11 अप्रैल 2018 (बुधवार) दोपहर 12:38 मिनट से होगा।
अप्रैल 2018 में पंचक काल की समाप्ति = 16 अप्रैल 2018 (सोमवार) प्रातः 04:09 मिनट।
यदि पंचक काल में कोई कार्य करना अत्यंत आवश्यक हो ति उसे धनिष्ठा नक्षत्र के अंत, शतभिषा नक्षत्र के मध्य, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के प्रारंभ और उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र के अंत की पांच घडी को छोड़कर बाकी समय में शुभ कार्य किये जा सकते है। परन्तु ध्यान से इस नक्षत्र में शुभ कार्य करते समय खास सावधानी करनी चाहिए।
पंचक 2018 का पूर्ण विवरण :
माह |
पंचक का आरंभ |
पंचक की समाप्ति |
जनवरी 2018 | 19 जनवरी 2018 (शुक्रवार) दोपहर 02:18 PM |
24 जनवरी 2018 (बुधवार) सुबह 08:35 AM |
फरवरी 2018 | 15 फरवरी 2018 (वीरवार) रात्रि 08:40 PM |
20 फरवरी 2018 (मंगलवार) दोपहर 02:04 PM |
मार्च 2018 | 15 मार्च 2018 (वीरवार) प्रातः 04:14 AM |
19 मार्च 2018 (सोमवार) रात्रि 08:09 PM |
अप्रैल 2018 | 11 अप्रैल 2018 (बुधवार) दोपहर 12:38 PM |
16 अप्रैल 2018 (सोमवार) प्रातः 04:09 AM |
मई 2018 | 08 मई 2018 (मंगलवार) रात्रि 09:00 PM |
13 मई 2018 (रविवार) दोपहर 01:32 PM |
जून 2018 | 05 जून 2018 (मंगलवार) प्रातः 04:35 AM |
09 जून 2018 (शनिवार) रात्रि 11:11 PM |
जुलाई 2018 | 02 जुलाई 2018 (सोमवार) दोपहर 11:09 AM 29 जुलाई 2018 (रविवार) सायं 05:07 PM |
07 जुलाई 2018 (शनिवार) प्रातः 07:41 AM 03 अगस्त 2018 (शुक्रवार) दोपहर 02:26 PM |
अगस्त 2018 | 29 जुलाई 2018 (रविवार) सायं 05:07 PM 25 अगस्त 2018 (शनिवार) रात्रि 11:16 PM |
03 अगस्त 2018 (शुक्रवार) दोपहर 02:26 PM 30 अगस्त 2018 (वीरवार) रात्रि 08:02 PM |
सितंबर 2018 | 22 सितंबर 2018 (शनिवार) प्रातः 06:12 AM |
27 सितंबर 2018 (वीरवार) अर्धरात्रि 01:56 AM |
अक्टूबर 2018 | 19 अक्टूबर 2018 (शुक्रवार) दोपहर 02:03 PM |
24 अक्टूबर 2018 (बुधवार) सुबह 09:24 AM |
नवंबर 2018 | 15 नवंबर 2018 (वीरवार) रात्रि 10:18 PM |
20 नवंबर 2018 (मंगलवार) सायं 06:35 PM |
दिसंबर 2018 | 13 दिसंबर 2018 (वीरवार) सुबह 06:12 AM |
18 दिसंबर 2018 (मंगलवार) प्रातः 04:18 AM |